• gallery image
  • क्या तुम लौट आये

    कितने अंतराल के बाद
    पवन जैसे उन्मुक्त हुआ 
    दामिनी की लहराती दमक 
    गगन के सीने पर कौंध गयी 
    वर्षा की रिमझिम जैसे
    प्यासी धरती को सराबोर कर गयी
    पादप विप्लव ने नव जीवन पाया 
    नव कुसुम मुस्कुरा उठे 
    वातावरण महक उठे 
    तितलियाँ फिर करने लगीं 
    मंद बयार पर अठखेलियाँ 
    चारों ओर जैसे बजने लगीं
    मीठी मीठी शहनाइयाँ 
    क्या तुम लौट आये हो?


    Buy
  • क्या तुम लौट आये

    कितने अंतराल के बाद
    पवन जैसे उन्मुक्त हुआ 
    दामिनी की लहराती दमक 
    गगन के सीने पर कौंध गयी 
    वर्षा की रिमझिम जैसे
    प्यासी धरती को सराबोर कर गयी
    पादप विप्लव ने नव जीवन पाया 
    नव कुसुम मुस्कुरा उठे 
    वातावरण महक उठे 
    तितलियाँ फिर करने लगीं 
    मंद बयार पर अठखेलियाँ 
    चारों ओर जैसे बजने लगीं
    मीठी मीठी शहनाइयाँ 
    क्या तुम लौट आये हो?

     

    ~
    नीरज गर्ग 
    २९-०३-२०१२ (२३:१२) 
    फरीदाबाद

    • Date

      03-10-2023

Buy this photo

COPYRIGHT © 2023 NEERAJ GARG